यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधिक पौधा है। सफेद मूसली के पुष्प सफेद रंग के होते हैं। इसकी जड़ों का ही प्रयोग किया जाता है जो गुच्छों के रूप में होती हैं। इसके जड़ व बीज विशेष रूप से लाभकारी होते हैं। इस ब्लॉग में हम safed musli ke aushadhik fayade के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
सफेद मूसली के अन्य नाम
बल्याकांदा, धवलमुली, श्वेतमुसली और इंडियन स्पाइडर प्लांट इत्यादि।
सफेद मूसली के वैज्ञानिक नाम
Chlorophytum Borivilianum क्लोरोफाइटम बोरीविलियनम
सफेद मूसली पाए जाने वाले क्षेत्र
सफेद मूसली भारत में 1600 मीटर की ऊंचाई में हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड में और मध्य भारत में भी पाई जाती है। यह ऊष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय अफ्रीका महाद्वीप में भी पाई जाती है।
सफेद मूसली में पाए जाने वाले प्रमुख पोषक तत्व
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम तथा मैग्नीशियम इत्यादि।
सफेद मूसली का स्वाद
सफेद मूसली की जड़ों का ही प्रयोग मुख्यतः किया जाता है तथा इनका स्वाद मीठा होता है।
सफेद मूसली के प्रमुख औषधिक गुण safed musli ke aushadhik fayade
- यह कफ को नियंत्रित करता है
- स्तनों में दूध निर्माण में वृद्धि करता है
- मोटापा को कम करने में सहायक है
- बवासीर के इलाज में मददगार
- हृदय रोग के इलाज में
- सांसों के रोग में लाभकारी होता है
- फोन की कमी को दूर करता है
- डायबिटीज को काम करता है
- काम उत्तेजना में प्रतिकर्ता है
- जोड़ों के दर्द को काम करता है
सफेद मूसली के स्वास्थ्य के लिए फायदे safed musli ke aushadhik fayade हिंदी में
पेट की बीमारी के उपचार में
पेट दर्द व पेट में अकड़न, खाना खाने की अनिच्छा, दस्त जैसी समस्याएं होने पर सफेद मूसली का सेवन करने से राहत मिलती है। सफेद मूसली के चूर्ण का सेवन करने से इन सब विकारों में फायदा मिलता है यह चरण बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
मूत्र संबंधी समस्या में
सफेद मूसली के जड़ के चूर्ण का सेवन करने से मूत्र संबंधी रोगों में राहत मिलती है। जिन लोगों को मूत्र विसर्जन के समय दर्द होता है, उनके लिए यह बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
महिलाओं में बांझपन का उपचार
यह रोग स्त्री व पुरुष दोनों के लिए ही किसी श्राप से काम नहीं होता है। इनके लिए safed musli ke aushadhik fayade बहुत तरह से लाभकारी होते हैं। सफेद मूसली का प्रयोग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है यह बांझपन को जड़ से मिटा सकता है तथा गर्भधारण करने में सहायता करता है।
प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए
सफेद मूसली एक शक्तिशाली ऊर्जा वर्धक औषधि है तथा safed musli ke aushadhik fayade अनगिनत हैं।यह आदिकाल से इस्तेमाल की जा रही है यह मानव की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में असीम मदद करती है जिससे मनुष्य का शरीर बाहरी संक्रमण से लड़ने में सहायता प्राप्त करता है इसका प्रयोग ज्यादातर दम तथा स्वाश के रोगी को प्रतिरक्षा शक्ति को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है।
महिलाओं में ल्यूकोरिया की बीमारी के उपचार में
यह रोग महिलाओं में बहुत आम विकार है जिसमें महिलाओं की योनि से सफेद व दुर्गंध युक्त द्रव स्रावित होता है इस रोग से राहत दिलाने में सफेद मूसली बहुत सहायक होती है।1 या 2 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से राहत मिलती है सफेद मूसली का प्रयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
शुक्राणु को बढ़ाने में मदद
आजकल आधुनिक खान-पान के कारण आज के पुरुषों में शुक्राणु दोष की समस्या में काफी वृद्धि हुई है। शुक्राणु की कमी, पेशाब में जलन आदि रोगों में safed musli ke aushadhik fayade मददगार सिद्ध होते हैं तथा सफेद मूसली के सेवन से बहुत लाभ पहुंचता है सफेद मूसली के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाने से अत्यंत लाभ मिलता है।
सफेद मूसली के नुकसान
वैसे तो सफेद मूसली का सेवन बिलकुल सुरक्षित है और कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है फिर भी अधिक मात्रा में उपयोग नहीं करना चाहिए। ज्यादा सेवन करने से पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है, भूख में कमी हो सकती है तथा लिवर खराब होने का खतरा रहता है। ज्यादा बीमार लोगों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
खुराक कैसे लें
वैसे तो safed musli ke aushadhik fayade बहुत से है फिर भी इसका प्रयोग आयु के अनुसार करना चाहिए। बच्चों के लिए 0.5 से 1 ग्राम, किशोर के लिए 1.5 से 2 ग्राम, वयस्कों के लिए 3 से 6 ग्राम तथा बुजुर्गों के लिए 2 से 3 ग्राम सफेद मूसली के चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
सफेद मूसली को सेवन करने का तरीका
सफेद मूसली के चूर्ण को गर्म दूध के साथ लेना चाहिए।
चूर्ण को मिश्री के साथ मिलकर खाना चाहिए।
शर्करा के साथ मिलकर खाना चाहिए।
गर्म पानी के साथ सेवन करना चाहिए।
यह भी पढ़ें